सुभाष चंद्र बोस, देशबंधु चित्तरंजन दास जैसे दिग्गज लोग जिस कोलकाता में कभी मेयर थे, उसी पद फिरहाद हकीम का काबिज होना परिष्कृत भद्रलोक संवेदनाओं के क्षरण का प्रतीक है.
कश्मीरी हिंदूओं की तरह मुर्शिदाबाद से पलायन:अमित मालवीय
अमित मालवीय ने लिखा कि यह चिंताजनक है कि वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और ममता बनर्जी के भरोसेमंद फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के विस्थापन को न केवल उचित ठहरा रहे हैं, बल्कि उस पर संतोष भी व्यक्त कर रहे हैं. भाजपा नेता ने मुर्शिदाबाद से हो रहे पलायन को कश्मीरी पंडितों के पलायन से जोड़ते हुए लिखा कि बंगाली हिंदू कश्मीरी पंडितों की तरह अपनी ही मातृभूमि में शरणार्थी बनकर रह गए हैं, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए कश्मीर से भागकर जम्मू और शेष भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
बंगाल में इस्लामीकरण की दिशा में गहरा धक्का
फिर उन्होंने फिहाद हकीम के उस विवाद का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कोलकाता के एक हिस्से को “मिनी पाकिस्तान” कहा था. अमित मालवीय ने आगे लिखा कि अगर ममता बनर्जी अपनी चुप्पी जारी रखती हैं, तो वह एक ऐसे व्यक्ति को सशक्त बनाने का जोखिम उठाती हैं, जिसकी वैचारिक महत्वाकांक्षाएं अंततः उनके नेतृत्व को चुनौती दे सकती हैं और बंगाल के इस्लामीकरण की दिशा में एक गहरा धक्का दे सकती हैं.